विचार
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मुसीबत में अगर
मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी
भर का.....
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कल एक इन्सान
रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीँ चला की, गरीब वो था की मैं....
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जिस घाव से खून
नहीं निकलता, समझ लेना वो
ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है..
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बचपन भी कमाल का
था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी...
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खोए हुए हम खुद
हैं, और ढूंढते भगवान को
हैं...
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अहंकार दिखा के
किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये....
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जिन्दगी तेरी भी
अजब परिभाषा है.. सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है...
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खुशीयाँ तकदीर
में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर
कोई मुस्कुराता है...
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ज़िंदगी भी
वीडियो गेम सी हो गयी है एक लेवल क्रॉस करो तो अगला लेवल और मुश्किल आ जाता
हैं.....
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इतनी चाहत तो
लाखों रुपये पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की
तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है.......
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हमेशा छोटी छोटी
गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है..
मनुष्य का अपना
क्या है ?
जन्म :- दुसरो ने दिया
नाम :-
दुसरो ने रखा
शिक्षा :- दुसरो ने दी
रोजगार :- दुसरो
ने दिया और
शमशान :- दुसरे
ले जाएंगे
तो व्यर्थ में
घमंड किस बात पर करते है लोग
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